Again..why..why always me?
मैंने नहीं कहा था तुझे मुझसे बात करने को ,
मेरी care करने को ,
मैं तो टूट चुकी थी पहले ही,
मैंने नहीं कहा था तुझे मुझे सँभालने को ,
मुझे फिरसे हिम्मत देने को,
मैंने नहीं कहा था तुझे मुझसे मिलने को,
मैंने नहीं कहा था की समझो मुझे,
मैंने नहीं कहा था मुझे फिरसे वो उमीदे दो।
तुम कहते थे ना किसी के जज्बातो से कभी नहीं खेलना चाहिए, फिर आज क्यों मुझे उसी राश्ते में उसी मोड़ पे छोड़ गए तुम, क्यों अब मेरे आंशु , मेरे जज्बात मजाक लगते हैं तुम्हे?
तुमने मुझे उम्मीद दी की सब ठीक हो जायेगा, मुझे विश्वास दिलाया, मुझे उठाके निचे गिरा दिया, मेरा विश्वास तोड़ दिया।
ठीक हैं सब ठीक हैं।
संभालना सिख लिया हैं खुद को, संभाल लुंगी मैं खुद को।
पर क्या तुम अपने आप को कभी माफ़ कर पाओगे।
गलती सिर्फ मेरी थी, खुद से ज्यादा किसी और पे भरोषा करना इतना भारी पड़ेगा मुझे नहीं पता था।
खुद का अपमान चुपचाप सहा मैंने सबसे बड़ी भूल थी मेरी। पर अब कभी नहीं, कभी न ही किसी पे बिश्वास करुँगी , ना ही कभी किसी से कोई उम्मीद रखूंगी, तुम जैसे झूठे लोगो की मीठी मीठी बातो में तो कभी नहीं आउंगी।
तुमने तो जितना ज्यादा यकीन दिलाया उतनी ही बेरहमी से तोड़ के रख दिया।
आज अकेली हूँ बोहोत, ना साथ में दोस्त हैं , ना ही कोई अपना जिससे अपने दिल की बाते कह सकूँ, दम घुटता हैं, बोहोत तकलीफ होती हैं पर ठीक हैं सब ठीक हो जायेगा एक दिन।
गलतिया की हैं मैंने तो अब अकेले ही भुगतूँगी ना , तुम्हारी कोई गलती नहीं हैं। अब किसी से तुम्हारी शिकायते कर भी तो नहीं सकती, किसी से दिल का हाल कह भी तो नहीं सकती , तुम नहीं समझे मुझे इतना जानने के बाद कोई और क्या समझेगा।
क्यों मेरे साथ ही ऐसा होता हैं , सबके पास कोई ना कोई होता हैं , मैं ही क्यों गलतिया कर बैठती हु हमेशा इंसान को पहचाने में, क्यों अंत में वो प्यार भरी बातें सिर्फ बातें ही रह जाती हैं।
समझ नहीं आ रहा तुमसे मोहब्बत हैं अब भी या अब नफरत हैं, कभी खुदसे तेरी अच्छाइया करती हूँ तो कभी कभी खुद से लड़ लेती हूँ , कभी कभी तेरी शिकायतें khud से करलेती हूँ तो कभी कभी तुझे याद करके हस लेती हूँ।
सोने के बाद तो ठीक हैं रात गुजर जाती हैं पर उठते ही फोन चेक करती हूँ कही तेरा मैसेज, कॉल आया होगा।
मेरा हाल बुरा हैं , लेकिन तुम अपना ख्याल रखना।
मेरी care करने को ,
मैं तो टूट चुकी थी पहले ही,
मैंने नहीं कहा था तुझे मुझे सँभालने को ,
मुझे फिरसे हिम्मत देने को,
मैंने नहीं कहा था तुझे मुझसे मिलने को,
मैंने नहीं कहा था की समझो मुझे,
मैंने नहीं कहा था मुझे फिरसे वो उमीदे दो।
तुम कहते थे ना किसी के जज्बातो से कभी नहीं खेलना चाहिए, फिर आज क्यों मुझे उसी राश्ते में उसी मोड़ पे छोड़ गए तुम, क्यों अब मेरे आंशु , मेरे जज्बात मजाक लगते हैं तुम्हे?
तुमने मुझे उम्मीद दी की सब ठीक हो जायेगा, मुझे विश्वास दिलाया, मुझे उठाके निचे गिरा दिया, मेरा विश्वास तोड़ दिया।
ठीक हैं सब ठीक हैं।
संभालना सिख लिया हैं खुद को, संभाल लुंगी मैं खुद को।
पर क्या तुम अपने आप को कभी माफ़ कर पाओगे।
गलती सिर्फ मेरी थी, खुद से ज्यादा किसी और पे भरोषा करना इतना भारी पड़ेगा मुझे नहीं पता था।
खुद का अपमान चुपचाप सहा मैंने सबसे बड़ी भूल थी मेरी। पर अब कभी नहीं, कभी न ही किसी पे बिश्वास करुँगी , ना ही कभी किसी से कोई उम्मीद रखूंगी, तुम जैसे झूठे लोगो की मीठी मीठी बातो में तो कभी नहीं आउंगी।
तुमने तो जितना ज्यादा यकीन दिलाया उतनी ही बेरहमी से तोड़ के रख दिया।
आज अकेली हूँ बोहोत, ना साथ में दोस्त हैं , ना ही कोई अपना जिससे अपने दिल की बाते कह सकूँ, दम घुटता हैं, बोहोत तकलीफ होती हैं पर ठीक हैं सब ठीक हो जायेगा एक दिन।
गलतिया की हैं मैंने तो अब अकेले ही भुगतूँगी ना , तुम्हारी कोई गलती नहीं हैं। अब किसी से तुम्हारी शिकायते कर भी तो नहीं सकती, किसी से दिल का हाल कह भी तो नहीं सकती , तुम नहीं समझे मुझे इतना जानने के बाद कोई और क्या समझेगा।
क्यों मेरे साथ ही ऐसा होता हैं , सबके पास कोई ना कोई होता हैं , मैं ही क्यों गलतिया कर बैठती हु हमेशा इंसान को पहचाने में, क्यों अंत में वो प्यार भरी बातें सिर्फ बातें ही रह जाती हैं।
समझ नहीं आ रहा तुमसे मोहब्बत हैं अब भी या अब नफरत हैं, कभी खुदसे तेरी अच्छाइया करती हूँ तो कभी कभी खुद से लड़ लेती हूँ , कभी कभी तेरी शिकायतें khud से करलेती हूँ तो कभी कभी तुझे याद करके हस लेती हूँ।
सोने के बाद तो ठीक हैं रात गुजर जाती हैं पर उठते ही फोन चेक करती हूँ कही तेरा मैसेज, कॉल आया होगा।
मेरा हाल बुरा हैं , लेकिन तुम अपना ख्याल रखना।
Mst
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