Mood Swings
Mood Swings
कभी सोचा हैं किसी इंसान के जब बार बार mood swings होते हैं , तो वो क्यों होते हैं ?
उसका खुश होना, कुछ वक़्त में ही रो देना , अभी शांत हैं तो एक पल में गुस्सा हो जाना , कभी आज के लिए जीना खुलके तो कभी एक दम से आने वाले कल की फ़िक्र सताना।
कभी तुमपे पूरा हक़ जताना तो कभी बिलकुल ही अपने आप को अकेला समझलेना, कभी तुम को प्यार करना बोहोत सारा फिर एक दम से उससे नाराज हो जाना।
ऐसे नहीं होते किसी भी इंसान के mood swings . इन mood swings के पीछे वो इंसान अंदर ही अंदर टूट रहा होता हैं, उसको जिंदगी में पहले से ही ऐसे लोग मिले होते हैं जो उसे मजबूर करदेते हैं सब कुछ सोचने में। वो खुश होती हैं क्युकी तुम उसे कुछ देर के लिए यकीन दिला देते हो की हां तुम प्यार करते हो उससे, पता हैं रोज कोई किसी के मूड swings नहीं झेल सकता पर अगर प्यार ही करते हो तो फिर क्यों नहीं?
उसे जरुरत होती हैं जब सबसे ज्यादा किसी के साथ की उस वक़्त बस उसी वक़्त उसे अकेला छोड़ देते हो, क्यों सारे वादे साथ रहने के झूठ साबित हो जाते हैं।
कभी महसूस और समझने की कोशिश की क्या उस इंसान को की उसे किससे ख़ुशी मिलती हैं किससे दुःख, पर नहीं तुम्हारा मन हुआ जब बात की, उसका मन हुआ तो एक गेम तक छोड़ नहीं सकते।
वो गुस्सा हुई तो हुई क्यों ?
किसी इंसान के मूड स्विंग्स ऐसे नहीं होते यार , बोहोत कुछ अंदर से उसे खा रहा होता हैं, वो इंसान खुद भी परेशान हो रहा होता हैं अपने इस व्यव्हार से।
लोगो को वक़्त दो, एक दूसरे को समझने की कोशिश करो।
धागा कितना भी उलझा क्यों ना हो पर अगर एक बार ठान लेते हैं तो उसे भी तो सुलझा लेते हैं तो फिर उलझे हुए रिश्तो को सुलझाने में इतना ego क्यों hurt होता हैं।
कभी सोचा हैं किसी इंसान के जब बार बार mood swings होते हैं , तो वो क्यों होते हैं ?
उसका खुश होना, कुछ वक़्त में ही रो देना , अभी शांत हैं तो एक पल में गुस्सा हो जाना , कभी आज के लिए जीना खुलके तो कभी एक दम से आने वाले कल की फ़िक्र सताना।
कभी तुमपे पूरा हक़ जताना तो कभी बिलकुल ही अपने आप को अकेला समझलेना, कभी तुम को प्यार करना बोहोत सारा फिर एक दम से उससे नाराज हो जाना।
ऐसे नहीं होते किसी भी इंसान के mood swings . इन mood swings के पीछे वो इंसान अंदर ही अंदर टूट रहा होता हैं, उसको जिंदगी में पहले से ही ऐसे लोग मिले होते हैं जो उसे मजबूर करदेते हैं सब कुछ सोचने में। वो खुश होती हैं क्युकी तुम उसे कुछ देर के लिए यकीन दिला देते हो की हां तुम प्यार करते हो उससे, पता हैं रोज कोई किसी के मूड swings नहीं झेल सकता पर अगर प्यार ही करते हो तो फिर क्यों नहीं?
उसे जरुरत होती हैं जब सबसे ज्यादा किसी के साथ की उस वक़्त बस उसी वक़्त उसे अकेला छोड़ देते हो, क्यों सारे वादे साथ रहने के झूठ साबित हो जाते हैं।
कभी महसूस और समझने की कोशिश की क्या उस इंसान को की उसे किससे ख़ुशी मिलती हैं किससे दुःख, पर नहीं तुम्हारा मन हुआ जब बात की, उसका मन हुआ तो एक गेम तक छोड़ नहीं सकते।
वो गुस्सा हुई तो हुई क्यों ?
किसी इंसान के मूड स्विंग्स ऐसे नहीं होते यार , बोहोत कुछ अंदर से उसे खा रहा होता हैं, वो इंसान खुद भी परेशान हो रहा होता हैं अपने इस व्यव्हार से।
लोगो को वक़्त दो, एक दूसरे को समझने की कोशिश करो।
धागा कितना भी उलझा क्यों ना हो पर अगर एक बार ठान लेते हैं तो उसे भी तो सुलझा लेते हैं तो फिर उलझे हुए रिश्तो को सुलझाने में इतना ego क्यों hurt होता हैं।
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